In the legend of Mahabharata the story of Eklavya has its own distinct place. Eklavya’s dedication and desire for learning deserves a special mention. The story of Eklavya is an example of a Guru-Shishya relationship. The relationship also narrates a tradition of showing intense love and respect for the teachers. In this video Jyotishacharya Ajay Dwivedi Ji will tell us about the bond of Guru-Shishya in detail. Watch this video to know more!
सदियों के बाद आज भी अगर किसी महान शिष्य की बात आती है तो सभी की जुबान पर सबसे पहला नाम एकलव्य का ही आता है। एकलव्य एक ऐसे शिष्य थे , जिन्होंने अपने गुरू को गुरूदक्षिणा में अपना अंगूठा काटकर दे दिया था। अगर आप एकलव्य के बारे में नहीं जानते हैं तो चलिए आचार्य अजय द्विवेदी जी से जानतें हैं एकलव्य की कथा के बारे में विस्तार से।
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